दोस्तो आज आप आसानी से समझ जाएंगे कि हाई- वोल्टेज लाइन पर बैठने के बावजूद भी पक्षियों को करंट क्यू नही लगता...कोई deep knowledge की जरूरत नहीं...अगर आप नोन टेक्निकल आदमी हो तो भी आपको पूरा समझ में आ जाएगा.
तो दोस्तो ..कभी ना कभी आपको एक बार तो यह ख्याल आया ही होगा कि जब हम एक सिम्पल लाईव वायर को भी छु लेते है तो 240 वोल्ट का जोरदार झटका लगता है. पर यार पक्षी अगर 66kv की लाइन पर भी बैठ जाए तो भी उनको क्यों कुछ नहीं होता.??
यह जानने के लिए आप पहले करेंट के बारे में कुछ बेसिक सिद्धांत जान लो.
सिद्धांत 1:
करेंट को सर्किट में बहने के लिए सर्किट का कंप्लीट होना बहुत जरूरी है. जब तक कि सर्किट कंप्लीट ना हो तब तक वाहक में जो इलेक्ट्रॉन का जो फ्लो है वह आगे नहीं बढ़ेगा. और उसके कारण वाहक में करेंट फ्लो नहीं होगा.
सिद्धांत 2 :
करेंट हमेशा ऐसा ही रास्ता चुनता है कि जिसमें की उसका अवरोध कम हो. वो ऐसा वाहक पहले पसंद करेगा की उसमे इलेक्ट्रॉन को फ्लो होने के लिए कम से कम ऊर्जा लगे.( ऐसे ही जैसे कि आप उबड़ -खाबड़ रास्ते की बजाय हाईवे पर गाड़ी चलाना ज्यादा पसंद करते हो)
अब आती है मुद्दे कि बात ,
तो जब भी आप ध्यान से देखे तो , चिड़िया हमेशा एक ही तार पर बैठती है . यानी चिड़िया के दोनों पैर एक ही तार पर होते है यानी सर्किट कंप्लीट नहीं होती.
अगर पंछी का दूसरा पाव दूसरे तार पर या फिर किसी भी अर्थ से जुड़ा होता तो करेंट पक्षी कि बॉडी में से पसार होता हुआ अर्थ में या फिर दूसरे तार में चला जाता और सर्किट कंप्लीट हो जाती. और पक्षी को जोरदार का झटका लगता.
अब आपको यह सवाल होगा की , करेंट का फ्लो है वो तार की बजाय पक्षी के शरीर में से क्यों नहीं बहे ता ..?
तो यार जैसे आपको ऊपर बताया गया है कि करेंट हमेशा ऐसा ही रास्ता पसंद करता है जिसमें की उसको फ्लो होने में कम से कम ऊर्जा लगे.पक्षी के शरीर का रेजिस्टेंस तार के रेजिस्टेंस से बहुत ज्यादा होता है. इसलिए करेंट उसकी बॉडी में से बहेने की जगा तार से फ्लो होता है.
पोस्ट को लास्ट तक पढ़ने के लिए धन्यवाद.
आशा करता हूं कि इस पोस्ट से आपके नॉलेज में काफी इजाफा होगा.
कोई भी प्रश्न के लिए कॉमेंट जरूर करे.
Thanks & Regards
Engg Akshay
1 Comments
Nice what about humans?
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